Friday, 23 September 2016

 पापा मेरे पापा
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  पापा मेरे पापा
बिन आपके कुछ नहीं भाता
अकेलेपन से मन घबराता
अपना तो अटूट है नाता
  पापा मेरे पापा

बातें आपकी निराली है
पथ-प्रदर्श कर जाती है
शब्दों में है ऐसा जादू
दिल को बहुत भातीं है
  पापा मेरे पापा

एहसास अब तक बाकी है
मेरा जीवन इसका साक्षी है
रिश्तों का यह मेल है अद्धभुत
यादें अब तलक बाकी है
  पापा मेरे पापा
                  -आदित्य 'नीरव'

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